इन दिनों पहाड़ों में फायर सीजन चल रहा है. हरे-भरे जंगल जलकर राख हो रहे हैं. रुद्रप्रयाग के जंगलों की भयावह स्थिति बनी हुई है. रुद्रप्रयाग रेंज पुनाड़ में वन विभाग अपनी नर्सरी में भी लाग लगने से नहीं बचा पाया. नर्सरी में आग लगने के कारण करीब 21 हजार पौध जलकर नष्ट हो गई है. इनमें आंवला, शीशम, बांस, दाडिम और मेहल की प्रजाति शामिल है. पूरे जिले में 100 हेक्टेयर से ज्यादा जंगल वनाग्नि की भेंट चढ़ चुका है. लगातार जल रहे जंगलों के कारण जंगली जानवरों का अस्तित्व भी संकट में पड़ गया है. जंगली जानवरों ने अब आबादी वाले क्षेत्रों की ओर रुख कर दिया है.
वहीं, कुछ लोग अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. जो अपनी ओछी मानसिकता के चलते जंगल सुलगा रहे हैं. केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के अंतर्गत केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर रामबाड़ा के निकट हरे-भरे जंगल में आग लगा रहे 6 लोगों को भी वन विभाग की टीम ने पकड़ा है. वन विभाग ने मस्तान सिंह, राजेंद्र खत्री, मनोज चंद्र, देवेंद्र लाल, शाहिल चंद्र, जयेंद्र सिंह को पकड़ा है. ये सभी रुद्रप्रयाग जिले के ही रहने वाले हैं. ये लोग केदारनाथ पैदल मार्ग पर रामाबाड़ा के पास मीठापानी के जंगलों में आग लगा रहे थे. मौके पर पहुंचे वन कर्मियों ने आग लगाते हुए इन सभी को गिरफ्तार किया. इनके खिलाफ भारतीय वन अधिनियम 1927 की धाराओं में कार्रवाई की गई है.