उत्तराखंड की चारधाम यात्रा 2024 की तैयारियां जोरों पर हैं. 10 मई से शुरू होने जा रही चारधाम यात्रा के लिए अभी तक करीब 12 लाख तीर्थयात्री पंजीकरण करा चुके हैं. केदारनाथ धाम यात्रा की तैयारी पर जोरों पर है. बर्फ से ढका केदारनाथ धाम का पैदल मार्ग खोल दिया गया है. वहीं इस बीच तीर्थ पुरोहितों ने केदारनाथ धाम में शासन-प्रशासन द्वारा किए जा रहे निर्माण से स्थानीय निवासियों के भवनों को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है. साथ ही इसके विरोध में जिस दिन केदारनाथ धाम के कपाट खुलेंगे उसी दिन से धाम में अनिश्चितकालीन बंद करने का ऐलान किया है. केदारसभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी ने बताया कि जून 2013 की आपदा के बाद से केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य चल रहे हैं. इन कार्यों में केदारनाथ से जुड़े लोग प्रशासन का हरसंभव सहयोग कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन पुनर्निर्माण के नाम पर मनमानी कर उनके हक-हकूकों व अधिकारों के साथ खिलवाड़ कर रहा है.
उन्हाेंने बताया कि कुछ दिनों से केदारनाथ में तीर्थपुरोहित व हक-हकूकधारियों के आवासीय व व्यवसायिक भवनों के आगे गड्ढे किए जा रहे हैं, जो समझ से परे है. इन गड्ढों से उनके भवन को खतरा पैदा हो गया है. इस संबंध में अधिकारी-कर्मचारियों से पूछने पर उन्हें कोई जानकारी नहीं दी जा रही है. कहा कि केदारघाटी के सैकड़ों परिवार यात्रा पर निर्भर हैं. केदारनाथ में उन्हें भूमिधरी का अधिकार मिला है, लेकिन वर्तमान में वह जमीन उनके कब्जे में नहीं है. प्रशासन द्वारा जब-तब उन्हें अकारण परेशान किया जा रहा है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि शासन-प्रशासन की इस तरह की कार्यवाही के चलते स्थानीय व्यापारी, होटल स्वामी 10 मई को जिस दिन केदारनाथ धाम के कपाट खुल रहे हैं उसी दिन से अपने प्रतिष्ठान, भवन एवं विश्रामगृह को अनिश्चितकाल के लिए बंद रखेंगे. इधर, पुलिस उपाधीक्षक प्रबोध कुमार घिल्डियाल ने बताया कि कुछ तीर्थपुरोहित अपनी समस्या लेकर आए थे, मामले की जानकारी ली जा रही है.