गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी उत्तराखंडी लोकसंगीत के लीजेंड, नरेंद्र सिंह नेगी उन लोगों में शामिल हैं. जिन्होंने पहाड़ के लोकसंगीत को नई ऊंचाईयां देने और इसे विश्वस्तरीय मंच तक पहुंचाने में अहम योगदान दिया है. उत्तराखंडी लोकसंगीत और लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी एक-दूसरे के पर्याय हैं. वहीं अब प्रसिद्ध लोकगायक गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी को लंदन में डिस्टिंग्विश लीडरशिप इन इंडियन फोक सिंगिंग (भारतीय लोकगायन में विशिष्ट नेतृत्व) अवॉर्ड से नवाजा गया है. लंदन के हाउस ऑफ लॉर्ड्स (संसद) में रविवार को आयोजित ग्लोबल ब्रिलिएंस अवार्ड (जीबीए) कार्यक्रम के दौरान उन्हें यह सम्मान दिया गया.
नेगी दा 27 जुलाई को लंदन पहुंचे थे. इस दौरान ब्रिटिश संसद में उनका मशहूर गीत ठंडो-रे-ठंडो गूंजा, जिस पर वहां मौजूद प्रवासी भारतीय जमकर झूमे. दरअसल नेगी दा को 50 सालों से लोकगीत व संगीत के साथ ही अपनी संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए जीबीए की ओर से आमंत्रित किया गया था. कार्यक्रम में भारतीय मूल के ब्रिटिश सांसद लॉर्ड रैमी रेंजर व जैक रैंकिंग ने उन्हें अवॉर्ड देकर सम्मानित किया. लोकगायक व निर्माता-निर्देशक अनिल बिष्ट व नेगी दा के भाई पदमेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि वे 27 जुलाई को लंदन पहुंचे. जबकि बीते रविवार 28 जुलाई को उन्हें यह सम्मान दिया गया. 31 जुलाई को वे देहरादून पहुंचेंगे.