हाथ पर हाथ धरे बैठने से कुछ नहीं होता। किस्मत भी तभी बदलती है, जब आप अपने हुनर को तराशने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दें। चमोली जिले के रौली गांव के रहने वाले नीरज भट्ट ने इस बात को साबित कर दिखाया है। नीरज भट्ट ने दो साल पहले दिल्ली में लाखों के पैकेज की नौकरी छोड़ दी थी। दरअसल, नीरज भट्ट ने स्वरोजगार के जरिए कामयाबी की नई इबारत लिखी है।
Chamoli news: story of neeraj bhatt
नीरज भट्ट दिल्ली में लाखों के पैकेज में नौकरी कर रहे थे। शहर में उनका मन नहीं लगा और वापस अपने गांव लौट आए। यहां नीरज ने खेती के साथ साथ तकनीक का भी ध्यान रखा। इसके बाद उन्होंने कीवी के फल और लिलियम के फूलों की खेती शुरू की। इसके साथ ही नीरज भट्ट की शानदार कमाई भी शुरू हो गई। कीवी फल और लिलियम की खेती में कमाई करने के बाद नीरज ने केसर की खेती की भी शुरुआत कर दी और लोग हैरान तब रह गए, जब नीरज ने एक कमरे में कश्मीरी केसर उगा दी। खास बात यह है कि नीरज ने बिना मिट्टी और पानी के ही कश्मीरी केसर की पैदावार कर दी।
सामने आए सुखद परिणाम
कश्मीरी केसर उगाने के चार महीने बाद ही सुखद परिणाम भी नजर आए। एक और मुख्य बात यह भी है कि नीरज ने यू-ट्यूब देखकर कश्मीरी केसर की खेती का हुनर भी सीखा। यू-ट्यूब से सब कुछ सीखने के बाद नीरज ने चंडीगढ़ में तीन दिन की ट्रेनिंग ली और कश्मीर से केसर का बीज मंगाया। शुरुआत में नीरज ने वर्ष 2022 में उद्यान विभाग की मदद ली। इसके बाद उन्होंने अपनी 25 नाली जमीन पर लिलियम के फूल का उत्पादन शुरू किया। उन्होंने दो वर्षों में करीब 30 हजार लिलियम के फूल बेचे और करीब पांच लाख रुपये की कमाई कर ली। इसके बाद उन्होंने कीवी का भी उत्पादन शुरू किया, जिसमें भी उन्हें मुनाफा हो रहा है। अब नीरज भट्ट ने एरोपोनिक्स तकनीक से कश्मीरी केसर का उत्पादन भी शुरू कर दिया। नीरज ने बीटेक के बाद एमबीए की पढ़ाई की। नीरज के पिता यदुनंदन भट्ट का अपना क्लीनिक है। इसके अलावा उनकी माता जी शिक्षिका हैं। Chamoli news
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