चमोली जिले के थराली और गौचर में हुए ताजा घटनाक्रम के बाद से स्थानीय व्यापार मंडल ने 15 मुस्लिम परिवारों को क्षेत्र छोड़कर चले जाने का प्रस्ताव तैयार किया है। इसे लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के संस्थापक असदुद्दीन ओवैसी ने विरोध जताया है।
Asaduddin Owaisi expressed his views on Chamoli issue
ओवैसी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा है कि क्या उत्तराखंड में मुसलमानों को जीने का अधिकार नहीं है? आपको बता दें कि हाल ही में गौचर में एक हिंदू व्यापारी और एक मुस्लिम व्यापारी के बीच झड़प हो गई थी। आरोप है कि मुस्लिम व्यापारी ने अपने साथियों के साथ मिलकर स्थानीय निवासी के सिर पर गंभीर वार किए। इसके बाद से गौचर में हिंदू संगठनों को विरोध प्रदर्शन जारी है।
ओवैसी ने क्या लिखा?
उधर, स्थानीय व्यापार संघ ने तय किया है कि 15 मुस्लिम परिवारों को इलाके से बाहर किया जाएगा। ओवैसी ने इस बात का विरोध किया है। उनका कहना है कि जिस उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू होने जा रही है, उस उत्तराखंड में क्या मुस्लिमों को जीने का अधिकार नहीं है? ओवेसी ने लिखा है कि क्या चमोली में मुसलमान अछूत हो गए हैं? ओवैसी के सवाल के जवाब में एक स्थानीय भाजपा नेता ने कहा कि ऐसे लोग स्थानीय महिलाओं पर तंज कसते हैं।
छड़ सकता है सियासी संग्राम
चमोली के मुद्दे पर अब ओवैसी भी मैदान में उतर आए हैं, ऐसे में जाहिर है कि सियासी संग्राम छिड़ सकता है। ओवैसी ने आगे लिखा है कि मोदी अरब में शेखों से गले मिल सकते हैं, तो चमोली के मुसलमानों को भी गले लगा सकते हैं? मोदी भारत के प्रधानमंत्री हैं, सऊदी या दुबई के तो नहीं हैं। देखना है कि इस मामले में आगे क्या बातें निकलकर सामने आती हैं।
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