दिल्ली के बुराड़ी में बन रहे केदारनाथ मंदिर पर जारी विवाद हर गुजरते दिन के साथ और गहराता जा रहा है. दिल्ली में बीते बुधवार (10 जुलाई, 2024) को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ मंदिर के भूमि-पूजन कार्यक्रम में हिस्सा लिया और इसका शिलान्यास किया. लेकिन पूजन के बाद से मंदिर बनाने का विरोध हो रहा है. केदारनाथ धाम से लेकर पूरी केदार घाटी में इसे लेकर नाराजगी है. केदारनाथ धाम में आंदोलन के तीसरे दिन तीर्थ पुरोहित समाज, साधु संत एवं व्यापारियों ने दिल्ली में केदारनाथ मंदिर को लेकर प्रदर्शन कर धरना दिया. इस दौरान जहां साधु-संतों ने सरकार की बुद्धि-शुद्धि को लेकर जोर-जोर से डमरू बजाया. वहीं तीर्थ पुरोहितों ने बीकेटीसी अध्यक्ष के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए इस्तीफे की मांग भी की. केदारघाटी के जगह-जगह तीर्थ पुरोहित समाज के साथ स्थानीय लोग मंदिर निर्माण का विरोध कर रहे हैं. वहीं केदारनाथ धाम में तीर्थ पुरोहित समाज, व्यापारी और साधु संत केदारपुरी में प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं.
आंदोलन के तीसरे दिन पूर्व केदारसभा अध्यक्ष किशन बगवाड़ी के नेतृत्व में केदारपुरी में प्रदर्शन कर मंदिर परिसर में धरना दिया गया. इस दौरान बीकेटीसी अध्यक्ष के खिलाफ भी तीर्थ पुरोहित जमकर बरसे और शीघ्र इस्तीफे की मांग की. इस मौके पर केदारसभा के पूर्व अध्यक्ष किशन बगवाड़ी एवं वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित उमेश पोस्ती ने कहा कि दिल्ली में केदारनाथ मंदिर निर्माण की पूरा विश्व निंदा कर रहा है. गौ कथा वाचक गोपाल मणि महाराज कह रहे हैं कि भगवान शंकर अब दिल्ली में अवतरित हो गए हैं. ऐसा लगता है कि अब वे दिल्ली में भी गौशाला चलाने जा रहे हैं. कहा कि मुख्यमंत्री को इस मामले में खंडन करना चाहिए. केदारनाथ के व्यापारी विनीत पोस्ती ने कहा कि दिल्ली में केदारनाथ मंदिर की स्थापना की जा रही है. मनुष्य ने महादेव को पलायन की ओर भेज दिया है. उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम ट्रस्ट दिल्ली की ओर से जारी पत्र में लिखा गया है कि किसी भी जाति और धर्म के लोग ट्रस्टी बन सकते हैं. केदारनाथ धाम को धर्म, जाति के नाम पर बांटने का प्रयास किया जा रहा है.