उत्तराखंड समेत पांच राज्यों में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापामार कार्रवाई को अंजाम दिया है। देहरादून और ऋषिकेश में कई जगह ईडी की कार्रवाई जारी है।
Enforcement Directorate action in Uttarakhand
आखिर उत्तराखंड में ईडी ने रेड क्यों मारी? क्या है वो फर्जी रजिस्ट्री घोटाला? किन भू-माफियाओं पर कार्रवाई की जा रही है? आइए इस रिपोर्ट में आपको बताते हैं।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, वर्ष 2022 में देहरादून फर्जी रजिस्ट्री घोटाला सामने आया था। आरोप है कि भू-माफियाओं ने फर्जी कंपनियां दिखाकर बिल्डरों से करोड़ों रुपये ठग लिए थे। यह मामला सामने आया तो इस बात का भी पता चला कि इस फर्जी रजिस्ट्री घोटाले के तार उत्तराखंड समेत पांच राज्यों से जुड़े हैं। इस मामले में उत्तराखंड पुलिस द्वारा अब तक कुल 18 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। अब प्रवर्तन निदेशालय की टीम द्वारा जगह जगह सर्च ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं। बताया जाता है कि भू-माफियाओं ने रजिस्ट्री कार्यालय में तैनात सरकारी कर्मचारियों और सरकारी वकीलों से सांठगांठ कर ली थी। इसके बाद फर्जी रजिस्ट्रियां तैयार की गईं। ईडी ने भू माफियाओं, सरकारी वकीलों, रजिस्ट्री ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारियों और कुछ बिल्डरों के ठिकानों पर कार्रवाई की है।
इन भू-माफियाओं पर कार्रवाई
देहरादून के फर्जी रजिस्ट्री घोटाला मामले में 20 से ज्यादा आरोपी जेल में बंद हैं। इसके अलावा इस मामले में दो नामी वकीलों के नाम भी शामिल हैं। उधर, भूमाफिया जितेंद्र खरबंदा और अजय पुंडीर को प्रवर्तन निदेशालय ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। इन दोनों पर बिल्डरों से करोड़ो रुपये हड़पने के आरोप हैं। पुलिस ने दोनों पर मुकदमा भी दर्ज किया हुआ है। बताया जाता है कि इन दोनों ने फर्जी कंपनी बनाकर धोखाधड़ी को अंजाम दिया। दोनों ही भू-माफियाओं पर तीन मुकदमे दर्ज हैं।