देहरादून में जैसे जैसे लोगों की आमद बढ़ रही है, वैसे वैसे जमीनों के दाम भी आसमान छू रहे हैं। इस बीच फर्जीवाड़े का खेल भी टॉप गियर में चल रहा है। लोगों को जमीन ने नाम पर चूना लगाया जा रहा है। इस तरह जिंदगी भर जमीन के एक टुकड़े के लिए पैसे जुटाने वाला शख्स खुद का ठगा महसूस करता है।
Fraud in the name of property in Dehradun
हाल ही में देहरादून में प्रॉपर्टी में फर्जीवाड़े का सबसे बड़ा खेल सामने आया। जब पता चला था कि लोगों की जमीनों की रजिस्ट्री में ही सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत से बड़ा हेरफेर किया गया। पुलिस ने अब तक इस मामले में 13 मुकदमे दर्ज किए हैं और 20 आरोपियों को जेल भेज दिया गया है। लेकिन, अभी भी इस रजिस्ट्री फर्जीवाड़े को लेकर खुलासों का दौर बदस्तूर जारी है।
फर्जीवाड़े की जांच लगातार जारी
अरबों रुपये के इस फर्जीवाड़े में पुलिस और ईडी की कार्रवाई लगातार जारी है। इसे लेकर पुलिस ने स्पेशल टास्क फोर्स यानी एसआईटी का भी गठन किया गया है। फर्जीवाड़े की जांच लगातार जारी है और अब प्रेमनगर पुलिस ने दो नई एफआईआर दर्ज की हैं। इस बार दोनों ही मामले विकासनगर के हैं। पहला मामला झाझरा का है, जहां सरकारी जमीन ही बेच दी गई। दूसरा मामला गोल्डन फारेस्ट से जुड़ा है। इस सरकारी भूमि को भी बेच दिया गया। झाझरा में 1.977 हेक्टेयर सरकारी जमीन बेची गई। उधर, गोल्डन फॉरेस्ट में 5.86 एकड़ भूमि बेच दी गई। इस मामले में पुलिस की पड़ताल लगातार जारी है और आगे जो भी जानकारी मिलती है, हम आप तक जरूर पहुंचाएंगे।
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