कहा जाता है कि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में उगने वाली प्रत्येक वनस्पति चाहे वह घांस-फूस या कोई कांटा ही क्यों ना हो किसी ना किसी औषधि के काम आती है. उन्हीं में से एक है काफल. जी हां, ऐसा सदाबहार फल जो कि स्वाद में तो लाजवाब है ही साथ ही औषधीय गुणों से भी भरपूर है. काफल फल के कई फायदे हैं. इसके फायदों से पहले आइये पहले काफल के बारे में आपको विस्तृत जानकारी देते हैं. काफल उत्तरी भारत के पर्वतीय क्षेत्र के हिमालय के तलहटी क्षेत्र में पाए जाने वाला एक सदाबहार वृक्ष है. ग्रीष्मकाल में इस वृक्ष में शहतूत की तरह दिखने वाले फल लगते हैं जो कि स्वाद में बेहद स्वादिष्ट होते हैं. काफल पर्वतीय लोगों के लिए वर्षों से यह आजीविका का साधन भी है. काफल उत्तराखंड के बाजारों में खूब मिलते हैं और इनकी अच्छी खासी बिक्री होती है. पहाड़ो में काफल एकमात्र फल ही नहीं है, अपितु अपने गुणों के कारण कई बीमारियों की औषधि भी है.
स्वाद में बड़े से बड़े फल को टक्कर देने वाले काफल के अंदर प्रचुर मात्रा में आयरन और विटामिन होता है. काफल का जूस को पीने से पाचन तंत्र मजबूत होता है. इसका जूस पेट से जुड़ी समस्याओं जैसे एसिडिटी, गैस, कब्ज आदि को भी सही करता है. काफल कई बीमारियों को जड़ से खत्म कर देता है जिसमें से कैंसर भी एक है. जी हां, इस पहाड़ी फल के अंदर कैंसर तक को हराने की ताकत है. इसी के साथ एनीमिया, अस्थमा, जुखाम, बुखार, अतिसार, बुखार आदि बीमारियां इसका सेवन करने से ठीक हो जाती हैं. केवल शारीरिक ही नहीं अपितु मानसिक बीमारी ठीक करने में भी काफल बहुत उपयोगी होता है. इसके अंदर कई तरह के एन्टी ऑक्सिडेंट और एन्टी डिप्रेशन तत्व मौजूद रहते हैं जो कि डिप्रेशन जैसी मानसिक बीमारी ठीक कर सकते हैं. इतने सारे औषधीय गुणों के साथ काफल का स्वाद बहुत ही स्वादिष्ट होता है. स्वाद में खट्टा-मीठा और रंग में सुर्ख लाल काफल का फल अधिकांश पहाड़ियों की पहली पसंद होती है.