केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव इस वक्त भाजपा के लिए साख का सवाल है. इसे कुछ इस तरह भी कह सकते हैं कि बीजेपी को हाल में ही बदरीनाथ उपचुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा. आपको बता दें की उत्तराखंड के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है. जब सत्ताधारी पार्टी एक नहीं बल्कि दोनों उपचुनाव हार गई है उत्तराखंड में इस बार इतिहास बदला गया है. वहीं अब राजनीति गलियारों में सबसे ज्यादा चर्चा का विषय केदारनाथ बना हुआ है. जी हां क्योंकि केदारनाथ विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक शैला रानी रावत का हाल ही में निधन हुआ हैं, जिसके बाद ये सीट खाली हो गई है और यहां पर 6 महीने के भीतर उपचुनाव होने है. बद्रीनाथ सीट हारने के बाद बीजेपी कुछ हद तक बैकफुट पर है. बद्रीनाथ वैश्विक स्तर पर प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, इसलिए यह हिंदुत्व पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल था. अब जबकि वैश्विक स्तर पर प्रसिद्ध एक और हिंदू स्थल केदारनाथ भी चुनाव का गवाह बनेगा और यहां हार से बीजेपी की छवि को नुकसान पहुंचने की संभावना है, इसलिए बीजेपी आगामी उपचुनाव को हल्के में नहीं ले रही है. परंतु उनके सामने प्रश्न यह है कि चुनाव में उनकी बेड़ा पार कौन कर सकता है सूत्रों की माने तो सत्ता के गलियारों में 3 नामों की चर्चाएं तेज हैं. इनमे पहला नाम दिवंगत विधायक शैला रानी रावत की पुत्री ऐश्वर्य रावत, आशा नौटियाल और सूत्रों के हवाले से संजय शर्मा दरमोड़ा प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. अब सवाल ये है की इन तीनो में से बीजेपी किसके नाम पर मुहर लगाएगी.
ऐश्वर्य रावत- माना जा रहा है कि सहानुभूति की लहर के चलते केदारनाथ विधानसभा सीट से बीजेपी पूर्व विधायक स्वर्गीय शैला रानी रावत की पुत्री ऐश्वर्य रावत को टिकट दे सकती है. हालांकि ऐश्वर्य रावत को राजनीति का कोई बड़ा अनुभव नहीं है.
आशा नौटियाल- आशा नौटियाल भी केदारनाथ विधानसभा सीट से बीजेपी की उम्मीदवार हो सकती हैं. हालंकि 2017 के चुनाव में टिकट कटने के बाद बीजेपी की आशा नौटियाल ने बगावत कर दिया था और निर्दलीय मैदान में उतर गई थीं. जिसमें उन्हें हार झेलनी पड़ी थी जिसके बाद वो वापिस बीजेपी में शामिल हो गयी थी. अब बीजेपी इनको अपना दावेदार बनती है या नहीं यह अभी पूर्ण रूप से तय नहीं है.
संजय शर्मा दरमोड़ा: सूत्रों के हवाले से पता चला है की देहरादून में बीजेपी के बड़े नेताओं की एक बैठक हुई है. जिसमे कुछ नेताओं ने संजय शर्मा दरमोड़ा के नाम की सिफारिश की है. आपको बता दें की संजय शर्मा दरमोड़ा के नाम के पीछे अब तक कोई विवाद नहीं जुड़ा है. संजय शर्मा दरमोड़ा रुद्रप्रयाग जिले के दरम्वाणी गांव के रहने वाले हैं. और केदारनाथ विधानसभा सीट की जनता के बीच वो अब एक जाना पहचाना चेहरा बन चुके हैं. खास बात ये भी है की संजय शर्मा दरमोड़ा बाकि सभी उम्मीदवारों में सबसे ज्यादा शिक्षित हैं. सीनियर एडवोकेट होने के तोर पर बीजेपी संजय शर्मा दरमोड़ा को अपना प्रत्याशी घोषित कर सकती है. जैसा की हमने आपको पहले ही बताया है की बीजेपी को बदरीनाथ उपचुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा. ऐसे में केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव इस वक्त भाजपा के लिए साख का सवाल है.