सपने तो हम सब देखते हैं मगर उन सपनों की ओर मेहनत करना और उनको हासिल करने का हुनर सबमें नहीं होता. ये केवल वही लोग कर सकते हैं जिनपर वाकई कुछ कर दिखाने का जुनून सवार रहता है. उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने उत्तराखंड न्यायिक सेवा सिविल न्यायाधीश परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया है. इस परीक्षा में राज्य के कई. मेधावी बच्चों ने सफलता हासिल की है जिनमें राज्य की कई प्रतिभावान बेटियां भी शामिल हैं. आज हम आपको राज्य की ऐसी ही एक प्रतिभाशाली बेटी से रूबरू कराने जा रहे हैं जिन्होंने अपनी मेहनत के बलबूते पर पहले ही प्रयास में यह परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है. हम बात कर रहे हैं कोटद्वार की रहने वाली सृष्टि की. उन्होंने एक ही बार में परीक्षा क्रैक कर यह साबित कर दिया है कि वे किसी से कम नहीं हैं. सोनम की इस उपलब्धि से उनके परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है. उत्तराखंड पीसीएस-जे परीक्षा पास कर जज बनी सृष्टि बनियाल इस खुशी के साथ ही पापा को याद कर गमजदा भी हो गई.
सृष्टि ने इलाहाबाद विवि से पांच वर्षीय इंटिग्रेटेड बीए-एलएलबी 2022 में पूरी की. इसमें सृष्टि ने सिल्वर मेडल हासिल किया. अब वह इलाहाबाद विवि से ही एलएलएम की पढ़ाई कर रही हैं. सृष्टि के पिता स्व. गोपाल कृष्ण बनियाल बीईएल हरिद्वार से सेवानिवृत्त हुए थे. पिछले साल फरवरी में फेफड़े के कैंसर की वजह से उनका निधन हो गया था. पीसीएस-जे की तैयारी कर रही सृष्टि के लिए यह वक्त बेहद मुश्किल था. पिता का साया सिर से उठने के बाद सृष्टि ने अपनी जिम्मेदारी और पापा का सपना साकार करने के लिए जी-तोड़ मेहनत शुरू कर दी. पहले ही प्रयास में उनकी मेहनत रंग लाई और पीसीएस-जे परीक्षा पास कर जज बन गई. सृष्टि का कहना है कि उनके पापा का सपना आज पूरा हो गया. पापा होते तो कितना खुश होते. सृष्टि का कहना है कि पीसीएस-जे परीक्षा मुश्किल है लेकिन नामुमकिन नहीं है. सबसे खास बात ये है कि विधि की दुनिया में दिनोंदिन आ रहे नए बदलवों, अपडेट्स को लेकर जागरूक रहें. कानून की व्यवहारिकता को अपने जीवन से जोड़कर देखें कि कैसे रियल लाइफ में कानून काम कर रहा है. सृष्टि का कहना है कि अगर लक्ष्य बनाकर एकजुटता से तैयारी करोगे तो जीत तय है.