लोकसभा चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है. वैसे-वैसे कांग्रेस पार्टी के नेता साथ छोड़कर जा रहे हैं. बुधवार तीन अप्रैल को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के करीबी माने जाने वाले 6 से ज्यादा नेता कांग्रेस का हाथ छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए हैं. सभी नेताओं को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने पार्टी के टोल फ्री नंबर पर मिस कॉल करवाकर भाजपा की सदस्यता दिलाई. इस मौके पर हरिद्वार लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत भी मौजूद रहे. कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले नेताओं में कांग्रेस सेवा दल के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व राज्य मंत्री राजेश रस्तोगी, मुख्यमंत्री रहते हरीश रावत के ओएसडी रहे पुरुषोत्तम शर्मा, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष राजेंद्र चौधरी और कई विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की मुख्य धुरी रहे चेतन ज्योति आश्रम के स्वामी ऋषिश्वरानंद के साथ बड़ी संख्या में संत हैं.
भाजपा का दामन थामने वाले पुरुषोत्तम शर्मा ने कहा कि बीजेपी की रीति नीति से प्रभावित होकर वो पार्टी में शामिल हुए हैं. वहीं हरीश रावत से नाराजगी के सवाल पर उन्होंने हरदा को पिता तुल्य बताया है. पुरुषोत्तम शर्मा ने स्पष्ट किया कि हरीश रावत से उनकी कोई भी व्यतिगत नाराजगी नहीं है. भले हीकांग्रेस का टिकट वीरेंद्र रावत को मिला है, लेकिन जिस तरह हरीश रावत ने हरिद्वार सीट जीतने के लिए पूरा जोर लगा दिया है, उससे साफ है कि अप्रत्यक्ष तौर पर हरिद्वार का चुनाव हरीश रावत की प्रतिष्ठा से जुड़ गया है. ऐसे में ये चुनाव पूर्व सीएम त्रिवेंद्र और हरीश रावत से जोड़ कर देखा जा रहा है. हरीश रावत लगातार क्षेत्र में सक्रिय होकर बेटे के लिए वोट मांग रहे हैं. लेकिन कांग्रेस से जुड़े कई कार्यकर्ता अब परिवारवाद के खिलाफ खुलकर बोल रहे हैं. इतना ही नहीं पूर्व सीएम हरीश रावत का साथ छोड़ने लगे हैं.