राजनीति के खेल भी गजब हैं। आरोप लगते हैं, प्रत्यारोप होता है और फिर शुरू होती है जुबानी जंग। उत्तराखंड की राजनीति में भी आजकल कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है।
Harish Rawat and Subhodh Uniyal Row
एक बार फिर से झूठ बोलने की मशीन, उजाड़ू बल्द और महापापी बल्द जैसे शब्द उत्तराखंड के सियासी गलियारों में तैर रहे हैं। जो ताजा घटनाक्रम है, उसमें उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत और वर्तमान कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल केंद्र बिंदु में हैं। दरअसल उत्तराखंड के इन दो दिग्गजों के बीच गैरसैंण को लेकर जुबानी जंग छिड़ गई। पूर्व सीएम हरीश रावत ने सोशल मीडिया मंच फेसबुक पर लिखा ‘जिस दिशा की तरफ 2016 में हमारी सरकार चल रही थी और हमने जो बजट पारित करवाया था, यदि सरकार भंग नहीं होती और विधानसभा द्वारा पारित बजट प्रस्तावों को 4 महीने उलझा नहीं दिया गया होता तो गैरसैंण के यक्ष प्रश्न का भी आज समाधान होता।’
सुबोध उनियाल का वार
हरदा ने सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट डाली तो भाजपा भी कहां पीछे रहने वाली थी। कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल आगे आए और हरीश रावत क़ो झूठ बोलने की मशीन करार दिया। कह दिया कि हरीश रावत तो हमारे पार्टी छोड़ने के एक साल बाद भी सीएम ही थे तब क्यों फैसला नहीं लिया?
हरदा का पलटवार
अब सुबोध उनियाल ने कटाक्ष किया तो हरीश रावत ने भी पलटवार कर दिया। उन्होंने साफ कह दिया, ‘ये उजाडू बल्द (बैल) नहीं बल्कि महापापी बल्द हैं। इन्होंने तब सरकार को परेशान किया और जिस एक साल की बात ये कह रहें हैं, उसमे से 7 महीने तो अस्थिरता के ही थे। इन्होंने सुनियोजित तरीके से तत्कालीन सरकार को परेशान किया।’
कहां जाकर थमेगी जुबानी जंग?
सुबोध उनियाल वर्ष 2016-17 में कांग्रेस से विधायक थे। अब उनका कहना है कि हरीश रावत जो भी कह रहे हैं वह सब कोरा झूठ है और ऐसा कुछ हुआ ही नहीं था। खैर देखना है कि दोनों नेताओं के बीच गैरसैंण को लेकर ये जुबानी जंग किस मोड़ पर आकर थमती है।
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