चमोली जिले में स्थित औली पर्यटकों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र है. यहां पर पर्यटन को और ज़्यादा पंख देने के लिए तरह तरह के विकास कार्य हो रहे हैं, जिसमें गौरसों तक रोपवे बनाना भी शामिल है. चमोली जनपद में औली से गौरसों बुग्याल तक रोपवे बनाया जाएगा. उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (यूटीडीबी) की 23वीं बोर्ड बैठक में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने औली से गौरसों बुग्याल तक सर्वे कराने का निर्देश दिया है. पर्यटन मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पिथौरागढ़ के गूंजी में महर्षि वेदव्यास की मूर्ति स्थापित कर उसे पर्यटन गंतव्य बनाएं। यूटीडीबी कार्यालय में आयोजित बोर्ड बैठक में समूह ‘क’ और ‘ख’ सेवानियमावली-2013 में संशोधन किए जाने का प्रस्ताव पारित हुआ.
साथ ही वर्ष 2024-25 में प्रस्तावित साहसिक पर्यटन के ईवेंट कलैंडर का अनुमोदन मिला. जागेश्वर धाम, महासू देवता, ओम पर्वत, मुनस्यारी, जादौन एवं टिम्बरसैंण आदि के विकास में हो रहे कार्यों से बोर्ड को अवगत कराया. चंपावत में 10 प्रमुख नौलों के सुधार एवं पर्यटन के दृष्टि से विकसित किए जाने के लिए दस्तावेजीकरण, मानचित्र और डीपीआर गठन की कार्यवाही किए जाने के संबंध में अवगत कराया. केदारनाथ-बदरीनाथ की भांति गंगोत्री-यमुनोत्री धाम का टूरिज्म डेस्टिनेशन प्लान तैयार करने के लिए कंसलटेंट का चयन करने का निर्देश दिया.
आपको बता दें की गौरसों तक विस्तार से औली सिर्फ शीतकालीन बर्फ का पर्यटन स्तर न रहकर ग्रीष्मकालीन स्थल भी बन जाएगा। यहां वर्षभर ट्रेकर व पर्यटक आ सकते हैं. इस रोपवे के अलावा औली से गौरसों तक तीन किमी पैदल ट्रेक भी विकसित किए जाने हैं, बताते चलें कि प्राकृतिक खूबसूरती के कारण औली हिल स्टेशन को भारत का ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ भी कहते हैं. गढ़वाल क्षेत्र के चमोली जिले में स्थित यह हिल स्टेशन सुमद्र तल से 3,000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. यहां से टूरिस्ट कई पर्वत श्रृंखलाओं को देख सकते हैं. औली से पर्यटक नंदा देवी पर्वत, नागा पर्वत, डूंगगिरी, बीथरटोली, निकांत हाथी पर्वत और गोरी पर्वत को देख सकते हैं.