रुपिन ने 27 अगस्त को आईआईटी रूड़की से डिग्री हासिल की और 28 अगस्त को वह अपने दोस्त घनेंद्र के साथ केदारनाथ दर्शन के लिए निकल पड़ा। दरअसल, रुपिन ने मन्नत मांगी थी कि आईआईटी की डिग्री हासिल करने के बाद वह केदारनाथ दर्शन के लिए जाएगा।
Rupin missing in Gaurikund disaster
30 अगस्त को वह केदारनाथ पहुंचा और 31 अगस्त को वापस लौट रहा था। इस बीच गौरीकुंड में सैलाब आ गया और इसके बाद से रुपिन का कोई अता पता नहीं चला। रुपिन के पिता बीते 22 दिन से हाथ में अपने बेटे की तस्वीर लिए घूम रहे हैं।
दर दर भटक रहे हैं पिता
देहरादून आकर पिता लगातार अधिकारियों और पुलिस से संपर्क कर रहे हैं लेकिन अब तक रुपिन का कुछ पता नहीं चला। राजस्थान के अजमेर के रहने वालेअमरचंद सामरिया ने बताया कि उनका बेटा पढ़ाई में काफी होशियार रहा। रुपिन की इच्छा थी कि जिस दिन उसे इंजीनियरिंग की डिग्री मिलेगी, तो वह पहले केदार दर्शन करेगा। 31 अगस्त को जंगलचट्टी में भारी बारिश शुरू हुई तो लोग भागने लगे। वे गौरीकुंड पहुंचे ही थे कि ऊपर से सैलाब आ गया। घनेंद्र किसी तरह से बचने में सफल रहा लेकिन रुपिन लापता हो गया। रुपिन की तलाश में उसके पिता ऋषिकेश, हरिद्वार, सोनप्रयाग, रुद्रप्रयाग और गौरीकुंड में पोस्टर लेकर घूम रहे हैं। बेटा अब तक मिल नहीं पाया।