उत्तराखंड में झमाझम बारिश राहत के साथ ही आफत भी लाई है. शहर में जहां बारिश से जगह-जगह जलभराव हो गया. वहीं पहाड़ों पर नदी नाले उफान पर आ गए हैं. भारी बारिश को देखते हुए नैनीताल, बागेश्वर, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और चंपावत जिलों में पहली से 12वीं तक के स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों में मंगलवार को अवकाश घोषित किया गया है. मौसम विभाग की ओर से आज उत्तराखंड में भारी बारिश के आसार बताए गए थे. नैनीताल, बागेश्वर, चम्पावत, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और ऊधमसिंह नगर जिले के कुछ इलाकों में भारी से भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है. जबकि, देहरादून, पौड़ी, टिहरी और हरिद्वार जिले के कुछ हिस्सों में तेज बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया था. इसका असर भी साफ देखने को मिल रहा है. कुमाऊं रीजन की तरफ जहां भारी बारिश जारी है, तो वहीं बदरीनाथ में भी अलकनंदा नदी ने अपना रौद्र रूप दिखाया है. बदरीनाथ में प्रशासन ने अलर्ट जारी करते हुए तप्तकुंड के आसपास के इलाकों को खाली कराया है.
मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट के बाद पौड़ी जिला प्रशासन भी एक्टिव मोड पर है. यहां जिला स्तरीय अधिकारियों की छुट्टियों पर रोक लगा दी गयी है. सभी को मुख्यालय ना छोड़ने के आदेश जारी किए गए हैं. सभी अफसरों और कर्मचारियों को 24 घंटे अलर्ट मोड पर रखा गया है. श्रीनगर में भी अलकनंदा नदी खतरे के निशान से सिर्फ 3 मीटर नीचे बह रही है. आज सुबह श्रीनगर में अलकनंदा नदी का जलस्तर खतरे के निशान के नीचे बहते हुए 533.22 मीटर पर बह रहा था. श्रीनगर में अलकनंदा नदी का खतरे का निशान 536 मीटर है. इसके साथ नदी का अलार्मिंग लेवल 535 मीटर है. सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता विजय पाल कैंतुरा ने बताया कि 15 जून से लेकर 15 अक्टूबर तक बरसात का समय रहता है. इस दौरान ऊपरी इलाकों में होने वाली बारिश के कारण नदी का जलस्तर बढ़ता है, जो एक सामान्य घटना है. नदी के जलस्तर की हर समय मॉनिटरिंग की जाती है. इसकी पल-पल की जानकारी जिला प्रशासन को दी जाती है.