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Friday, September 20, 2024

तपोवन में बादल फटने से मचा कोहराम, हर जगह तबाही का मंजर..50 लाख से अधिक का नुकसान

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पहाड़ में आफत की बारिश से जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. कहीं बादल फटने की घटनाएं हो रही हैं तो कहीं भूस्खलन की वजह से सड़कें कई दिनों से बंद हैं. तपोवन में भी लगातार जारी बारिश ने भारी तबाही मचाई है. तपोवन के पास बादल फटने के कारण देवखड़ी नाले ने कृष्णा विहार,देवकी विहार, गायत्री कॉलोनी में भयंकर तबाही मचाई. नाला टूटने से 70 घरों में मलबा घुस गया. बड़े-बड़े पत्थर लोगों के घरों में घुस गए. दो बसें आधी मलबे में दब गई. 15 कारें बह गई. उधर बटाईदार की झोपड़ी नाले टूटने के कारण बह गई. पांच सदस्यों ने बड़ी मुश्किल से जान बचाई. उधर घरों में पानी घुसने से लोगों का करीब 50 लाख रुपये से अधिक का नुकसान हो गया.

सोमवार शाम 6:45 बजे देवखड़ी नाला टूट गया. नाले का पानी और मलबा लोगों के घरों में घुसने लगा. डेढ़ घंटे में नाले का पानी मलबा, बोल्डर सहित 70 घरों में घुस गया. लोग जान बचाने के लिए छत में भागे. जब तक पानी कम नहीं हुआ. लोग घरों की छत में ही बैठे रहे. बारिश का पानी कम होने के बाद जब लोग घरों से उतरे तो मंजर खौफनाक था. घरों में दो-दो फिट मलबा घुस गया था. लोगों के घरों में रखा सामान, फ्रिज, कूलर आदि खराब हो गए. सड़कें एक से पांच फिट मलबे में दब गई. लोगों की घरों की भूमिगत टंकी मलबे से भर गई. बारिश रुकने के बाद लोग अपना सामान निकालने में लगे रहे. उधर वन विभाग फतेहपुर रेंज के वनक्षेत्राधिकारी केएल आर्या ने बताया कि कक्ष संख्या 13 तपोवन के पास बादल फटने के कारण ये हाल हुए हैं. कहा कि आधे घंटे में करीब 120 एमएम बारिश हुई है. 

देवखड़ी नाले के उपर पहाड़ है. इसके नीचे लोगों के घर हैं. जब नाला टूटा तो उसके पास नीचे दो बस खड़ी थी. ये बस आधे मलबे में दब गई. सड़क पर पांच फिट मलबा आ गया. उधर 15 कारों में मलबा घुस गया. लोगों को संभलने का मौका तक नहीं मिला. पानी और मलबे के कारण सड़क पर खड़ी कार और बाइकें बह गई. लोगों ने बताया कि 15 वाहन बहे. बाद में ये वाहन किसी की दीवार दो कोई मोड़ पर जाकर रुका. विवेक बृजवासी ने आरोप लगाया कि जिस समय वन विभाग नाले को साफ कर रहा था तो उन्होंने अपने खेत से जेसीबी को नाले तक जाने का रास्ता दिया. उस समय हमने वन विभाग से कहा कि यहां पर तार के जाल और पत्थर लगा दो वे नहीं माने. कहा कि वन विभाग की लापरवाही से उनके पूरे धान बह गए. खेत में मलबा घुस गया. उनके बटाईदार की झोपड़ी और पूरा सामान बह गया. उनके परिवार ने बमुश्किल जान बचाई.

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