पहाड़ की जिंदगी मुश्किल ही सही, लेकिन यहां की बहादुर महिलाएं इन मुश्किलों पर जीत हासिल करने का हुनर खूब जानती हैं। हालात कितने ही विषम हों, वो हार नहीं मानतीं। अब पिथौरागढ़ के दूरस्थ ग्राम पंचायत सेलीपाख के डोल गांव में ही देख लें, यहां जान बचाने के लिए पहाड़ी महिला गुलदार से भिड़ गई। आखिर में गुलदार को ही अपनी जान बचाकर भागना पड़ा. गुलदार के हमले से महिला भी घायल हो गई थी, जिसे पास के हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. जानकारी के मुताबिक डोल गांव की रहने वाली 46 साल की कमला देवी शनिवार सुबह 11 बजे घर से पास के ही जंगल में मवेशियों के लिए चारा लेने गई थी. बताया जा रहा है कि कमला देवी जंगल में घास काट ही रही थी कि तभी पीछे से अचानक गुलदार ने हमला कर दिया. कमला देवी ने साहस का परिचय देते हुए दराती से तेंदुए का मुकाबला किया.
करीब 10 मिनट तक चले संघर्ष में तेंदुए ने कमला देवी के सिर, हाथ-पैर और कमर में पंजों से हमला कर घायल कर दिया। जब आसपास की महिलाओं ने कमला देवी की चीख पुकार सुनी तो उन्होंने शोर मचाया जिससे तेंदुआ भाग गया। इसके बाद मौके पर पहुंचे परिजन घायल कमला देवी को सीएचसी बेरीनाग लाए। जहां कमला देवी का उपचार किया जा रहा है. प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉक्टर सिद्धार्थ पाटनी ने बताया कि महिला के हाथ, पैर, सिर और पीठ में गुलदार के नाखून और दांत के घाव लगे हैं, जिसका उपचार किया जा रहा है. वैसे महिला खतरे से बाहर है. क्षेत्र पंचायत सदस्य गणेश सिंह ने वन विभाग से महिला को मुआवजा देने और गुलदार को पकड़ने की मांग की है. वन क्षेत्राधिकारी बेरीनाग ने बताया कि वन विभाग की टीम को मौके पर भेज दिया है. इलाके में वनकर्मियों की गश्त भी बढ़ा दी गई है. ग्रामीणों से अपील की गई है कि वो खेतों में अकेले न जाए. साथ ही बच्चों को भी शाम के समय अकेला नहीं छोड़े.