देहरादून में जमीन-मकान के नाम पर धोखाधड़ी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, फिर भी लोग इन घटनाओं से सबक नहीं लेते. अब राजपुर का ही मामला ले लें, यहाँ जमीन के सौदे के नाम पर दून के एक प्रॉपर्टी डीलर से सात करोड़ 32 लाख रुपये ठगने का मामला सामने आया है. पीड़ित की शिकायत पर राजपुर पुलिस ने 16 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. आरोपी आश्रम और स्कूल बनाने के नाम पर लोगों को मुनाफे का लालच देकर उनसे जमीन खरीदवाते थे, फिर धोखाधड़ी करते थे. वहीं, अब एसएसपी अजय सिंह ने आरोपियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग टीमें गठित करने के निर्देश दिए हैं. आरोपियों के खिलाफ उत्तराखंड के साथ ही दूसरे राज्यों में धोखाधड़ी के डेढ़ दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हैं. चलिए आपको पूरा मामला बताते हैं. देहरादून के सिगली निवासी गोविंद सिंह पुंडीर ने पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि वो जमीन खरीद-फरोख्त का काम करते हैं. अगस्त 2023 में एक व्यक्ति ने उनके बड़े भाई से संपर्क कर बताया कि महाराष्ट्र नांदेड़ के एक संस्था से जुड़े बाबा स्कूल और आश्रम बनाने के लिए जमीन देख रहे हैं, जिसमें वो उनकी मदद चाहता है. हालांकि, उसने ये बताया कि जमीन खरीदने से पहले बाबा जमीन की मिट्टी चेक करेंगे और तमाम परीक्षणों के बाद पास होने पर आगे बताएंगे. इसपर उन्होंने जमीन की मिट्टी उपलब्ध कराई.
कुछ समय बाद अमजद अली, राम अग्रवाल, सचित गर्ग उर्फ छोटा काणा, मुकेश गर्ग, सुमित बसंल, अर्जुन शेखावत, रणवीर, अदनान ने उन्हें जमीन की मिट्टी पास ना होने की बात बताई. विकल्प के रूप में आरोपियों ने पीड़ित गोविंद सिंह को करनाल (हरियाणा) में एक जमीन बताई और कहा कि कुछ किसान वहां अपनी जमीन बेच रहे हैं. इस जमीन की मिट्टी बाबा ने पास कर दी है. आरोपियों ने पीड़ित को बताया कि, बाबा करनाल वाली जमीन नहीं खरीद सकते, क्योंकि वो संस्था से सीधे तौर पर जुड़े हैं लेकिन उनकी किसानों से बात हो चुकी है. ऐसे में वो इस जमीन को किसानों से अपने नाम पर 40 लाख रुपए प्रति किला के हिसाब से खरीद लें, जिसे वो बाद में 2 करोड़ 15 लाख रुपए प्रति किला के हिसाब से बाबा को बेचकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. पीड़ित ने जमीन को खरीदने के लिए किसानों से बात कर 21 लाख रुपये दे दिए. उसके बाद बाबा और अन्य आरोपियों ने देहरादून आकर 51 करोड़ 60 लाख रुपए का चेक पीड़ित को दिखाया और बताया कि संस्था ने जमीन के लिए धनराशि स्वीकृत कर दी है. साथ ही कहा गया कि सौदे की धनराशि पीड़ित को तभी मिलेगी, जब वो धनराशि का 3 प्रतिशत संस्था में जमा करेगा. जिस पर पीड़ित ने अपने रिश्तेदारों से पैसे उधार लेकर डेढ़ करोड़ रुपए उन लोगों को दे दिए. इसके बाद आरोपियों ने नवंबर 2023 में पीड़ित को रजिस्ट्री के लिए करनाल बुलाया. जहां उन्होंने पीड़ित को पैसों से भरा बैग और बैंक ड्राफ्ट दिखाते हुए बताया कि जमीन के मालिक की तबीयत खराब होने के कारण अभी रजिस्ट्री संभव नहीं है. आगे पढ़िए-
रजिस्ट्री के लिए पीड़ित को बाद में दोबारा करनाल आना होगा. इस दौरान आरोपियों ने बाबा से पीड़ित की मुलाकात भी कराई. रजिस्ट्री के लिए आरोपियों ने पीड़ित को दोबारा दिसंबर 2023 में करनाल बुलाया.इस दौरान उन्होंने पीड़ित से संपर्क कर बताया कि जमीन की खरीददारी के लिए जो पैसे बाबा की ओर से लाए जा रहे थे, वो इनकम टैक्स ने पकड़ लिए हैं और पैसों को छुड़ाने के एवज में 6 करोड़ रुपए की मांग की जा रही है. जिसमें से आधे पैसों का इंतजाम पीड़ित से करने को कहा गया. इनकम टैक्स से पैसा न छूटने की परिस्थिति में सौदा रद्द होने और पीड़ित को पहले से ही दिया गया पैसा भी डूबने का डर दिखाया गया. जिस पर पीड़ित ने अपने मित्रों और रिश्तेदारों से पैसा उधार लेकर करीब 3 करोड़ रुपए उन्हें दे दिए. वहीं, कुछ समय बाद आरोपी रजिस्ट्री कराने का झांसा देकर टालमटोल करने लगे. ऐसे में पीड़ित ने करनाल जाकर जब भूमि के संबंध में जानकारी जुटाई तो पता चला कि भूमि पहले से ही बैंक में बंधक है. जिसे सुन पीड़ित के पैरों तले जमीन खिसक गई. आरोपियों ने भूमि के कूटरचित दस्तावेज दिखाकर अलग-अलग तारीखों में पीड़ित से करीब 7 करोड़ 32 लाख रुपए की धोखाधड़ी कर ली. पुलिस ने पीड़ित की तहरीर पर अमरीक सिंह, अमजद अली के साथ ही अन्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया. एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमों का गठन कर दिया गया है. आरोपी पहले भी इस प्रकार की धोखाधड़ी की घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं.