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Friday, September 20, 2024

Uttarakhand Bhu Kanoon: मजबूत भू-कानून के लिए गैरसैंण में गरजी जनता, सरकार से 10 बड़ी मांग; जानें आगे की रणनीति

Uttarakhand Bhu Kanoon: समन्वय समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने बताया कि प्रदेश में मूल निवास की सीमा 1950 और मजबूत भू-कानून लागू करने को लेकर चल रहे आंदोलन को प्रदेशभर में ले जाया जाएगा।

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आज गैरसैंण में मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति के बैनर तले स्वाभिमान महारैली में हजारों लोग जुटे। 

 

Uttarakhand Bhu Kanoon Protest in Gairsain

 

समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि राज्य बने 24 वर्ष हो गए लेकिन उत्तराखंडियों को सत्ताधारी पार्टियों द्वारा उनके अधिकार से वंचित रखा गया। उनके जल, जल, जंगल, संसाधनों और रोजगार पर आज दूसरे प्रदेश के लोगों का कब्जा हो गया, अब समय आ गया है कि राज्य की जनता मूल निवास 1950, सशक्त भू कानून और स्थाई राजधानी गैरसैंण के लिए एकजुट हो । जनसमूह को संबोधित करते हुए समिति के सह संयोजक लुशून टोडरिया ने कहा कि गैरसैंण में जुटे हजारों लोगों ने बता दिया है अगर उत्तराखंड में मूल निवास 1950, सशक्त भू कानून लागू नहीं होता और स्थाई राजधानी गैरसैंण नही बनती तो उत्तराखंड की जनता सड़कों पर उतरकर सत्ता के विरोध में सड़कों पर उतरेगी, लुशून ने कहा भाजपा और कांग्रेस बताएं आजतक उन्होंने मूल निवास, भू कानून और गैरसैंण राजधानी की बात सदन में क्यों नहीं उठाई । 

क्या है आगे की रणनीति?
गैरसैंण मे हुई रैली के बाद मूल निवास आंदोलन को व्यापक बनाने के लिए जल्द ही अगले कार्यक्रमों की घोषणा की जाएगी। समन्वय समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने बताया कि प्रदेश में मूल निवास की सीमा 1950 और मजबूत भू-कानून लागू करने को लेकर चल रहे आंदोलन को प्रदेशभर में ले जाया जाएगा। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द ठोस कार्यक्रम बनाकर पूरे प्रदेश में जन जागरूकता अभियान शुरू किया जाएगा। डिमरी ने बताया कि चरणबद्ध तरीके से समिति विभिन्न कार्यक्रम करेगी, जिसके तहत गांव-गांव जाने से लेकर प्रदेश के विश्वविद्यालयों में जाकर युवाओं से संवाद किया जाएगा। इस बाबत जल्द ही कार्यक्रम का ऐलान किया जाएगा। 

ये हैं प्रमुख मांगें
1- मूल निवास की कट ऑफ डेट 1950 लागू की जाए।
2- प्रदेश में ठोस भू-कानून लागू हो।
3- गैरसैंण को प्रदेश की स्थाई राजधानी घोषित किया जाए
4- प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगे।
5- शहरी क्षेत्रों में 250 मीटर भूमि खरीदने की सीमा लागू हो।
6- गैर कृषक द्वारा कृषि भूमि खरीदने पर रोक लगे।
7- पर्वतीय क्षेत्र में गैर पर्वतीय मूल के निवासियों के भूमि खरीदने पर तत्काल रोक लगे।
8- राज्य गठन के बाद से वर्तमान तिथि तक सरकार की ओर से विभिन्न व्यक्तियों, संस्थानों, कंपनियों आदि को दान या लीज पर दी गई भूमि का ब्यौरा सार्वजनिक किया जाए।
9- प्रदेश में विशेषकर पर्वतीय क्षेत्र में लगने वाले उद्यमों, परियोजनाओं में भूमि अधिग्रहण या खरीदने की अनिवार्यता है या भविष्य में होगी, उन सभी में स्थानीय निवासी का 25 प्रतिशत और जिले के मूल निवासी का 25 प्रतिशत हिस्सा सुनिश्चित किया जाए।
10- ऐसे सभी उद्यमों में 80 प्रतिशत रोजगार स्थानीय व्यक्ति को दिया जाना सुनिश्चित किया जाए।

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