बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर कई सालों से परेशानी का सबब बने पागलनाला में करीब 90 मीटर लंबी सुरंग का निर्माण होगा. एनएचआईडीसीएल (राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास) की ओर से भारत सरकार के सड़क एवं परिवहन मंत्रालय को भेजे प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है. अब विभागीय स्तर पर इसकी डीपीआर बनाई जा रही है. ऑलवेदर रोड परियोजना कार्य से बदरीनाथ हाईवे अधिकांश जगहों पर सुगम हो गया है, लेकिन पागल नाला में स्थिति नहीं सुधरी है. यहां पूर्व में सीमा सड़क संगठन और अब एनएचआईडीसीएल की ओर से जो भी सुरक्षात्मक उपाय किए गए, वे बरसात में बह गए. इस वर्ष टीएचडीसी की ओर से नाले में विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना की सुरंग का मलबा डंप किया जा रहा है. इससे यहां हाईवे चौड़ा तो हो गया है, लेकिन अब बरसात में यहां मलबे के बह जाने और दलदल होने का खतरा बना हुआ है.
एनएचआईडीसीएल के डीजीएम सुशील वर्मा ने बताया कि पागल नाला में सुरंग निर्माण को लेकर बीते वर्ष सड़क एवं परिवहन मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा गया था, जिसे मंजूरी मिल गई है. अब इसकी डीपीआर तैयार की जा रही है, जल्द ही यह काम भी पूरा हो जाएगा. सुरंग निर्माण में देरी नहीं की जाएगी. उन्होंने बताया कि फिलहाल नाले का उपचार भी शुरू कर दिया गया है, ऊपरी साइड गेविंग वाॅल और नाली निर्माण कार्य किया जा रहा है, जबकि हाईवे के निचले हिस्से में मलबे की सुरक्षा के लिए दीवार निर्माण कार्य गतिमान है. बदरीनाथ हाईव नीती और माणा घाटी में चीन सीमा को जोड़ता है. इसी मार्ग से होते हुए सेना के वाहन जरुरी सामग्री को सीमा क्षेत्र में अग्रिम चौकियों तक पहुंचाते हैं. बरसात में पागल नाला के उफान पर आने से सेना की आवाजाही भी ठप पड़ जाती है. अब सुरंग निर्माण होने से सेना की आवाजाही भी सुगम हो जाएगी.