हाथ पर हाथ धरकर बैठने से कुछ नहीं होता। मंजिल उन्हीं को मिलती है, जो जूनूनी होते हैं। कुछ करने का जुनून अगर दिल में है तो मंजिल हर हाल में आपको मिलकर रहती है।
Roorkee Krishna Kumar becomes PCS officer
ऐसी ही एक सच्ची और अच्छी कहानी है उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के रुड़की शहर के कृष्ण कुमार की। कृष्ण कुमार के पिता रिक्शा चालक थे लेकिन इस युवा ने बड़ा बनने का सपना देखा और आज कृष्ण कुमार पीसीएस अधिकारी हैं।
2011 में हुई पिता की मौत
जी हां हाल ही ही में उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की पीसीएस परीक्षा के नतीजे सामने आए हैं। कृष्ण कुमार ने इस परीक्षा में सफलता पाई है। आज कृष्ण कुमार ने सफलता हासिल की है लेकिन इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्होंने वेटर की नौकरी और डीजे ऑपरेटर जैसे काम भी किए। रुड़की के बेलडा गांव गांव के रहने वाले कृष्ण कुमार का चयन सीडीपीओ के पद पर हुआ है। कृष्ण कुमार के पिता रिक्शा चालक थे। उनकी मेहनत के बूते कृष्ण कुमार अपनी पढ़ाई पूरू कर पाए। वर्ष 2011 में पिता रामपाल सिंह का निधन हो गया था। इसके बाद से कृष्ण कुमार के बड़े भाई राजू और राजकुमार दोनों मजदूरी करने लगे।
कृष्ण कुमार ने वेटर का काम भी किया
बड़े भाइयों ने भी पढ़ाई-लिखाई में कृष्ण कुमार की मदद की। इसके बाद पढ़ाई पूरी करने के लिए कृष्ण कुमार होटल में वेटर का काम करने लगे। इसके साथ ही वे डीजे ऑपरेटिंग के काम पर भी जाने लगे। हालांकि, इन सबके बीच कृष्ण कुमार ने पढ़ाई और तैयारी जारी रखी। वर्ष 2016 के बाद से कृष्ण कुमार कोचिंग सेंटरों में पढ़ाने भी लगे। अब कृष्ण कुमार को उनकी मेहनत का फल मिला है। वे इसे अपने स्वर्गीय माता-पिता रामपाल सिंह और शिक्षा देवी का आशीर्वाद मानते हैं।