नैनीताल का लोकप्रिय पर्यटक स्थल टिफिन टॉप पर स्थित डोरोथी सीट कल रात भूस्खलन के बाद इतिहास बन गई. यह वो जगह थी, जहां पर खड़े होकर पर्यटक प्रकृति की सुन्दरता को निहारते थे. पिछले दो सालों से भूस्खलन की वजह से जगह का अस्तित्व खतरे में पड़ गया था. आखिरकार कल भारी बारिश के बीच यह डोरोथी सीट भूस्खलन की वजह से खत्म हो गई. देर रात्रि बारिश होने के कारण अचानक टिफिन टॉप से भरी भरकम बोल्डर नीचे आने लगे. इसके साथ ही पूरा शहर तेज आवाज से गूंज उठा. जिसके बाद आस पास के इलाके के लोग डर गए. टिफिन टॉप शहर का प्रमुख पर्यटक स्थल होने के साथ ही यहां स्थित डोरोथी सीट नैनीताल के इतिहास से भी जुड़ी हुई है. पिछले कुछ समय से डोरोथी सीट में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ रही थी. जिसके बाद भूस्खलन की आशंका जताई जा रही थी.
लेकिन मंगलवार को डोरोथी सीट रखरखाव के अभाव में पूरी तरीके से ढह गई. इसके साथ ही नैनीताल की एक ऐतिहासिक धरोहर का अंत हो गया. बीते कई वर्षों से यहां गहरी दरारें पड़ गई थीं और यह दरकने लगा था. स्थानीय नागरिकों ने कई बार ज्ञापन देकर प्रशासन को समस्या से अवगत कराया था लेकिन इस पर प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई और आखिरकार वह अनहोनी हो गई जिसकी लंबे समय से आशंका जताई जा रही थी. आपको बता दें की टिफिन टॉप की डोरोथी सीट एक अंग्रेज सैन्य अधिकारी का अपनी पत्नी के प्रेम को समर्पित थी. डोरोथी सीट का निर्माण ब्रिटिश सेना के अधिकारी कर्नल केलेट ने अपनी कलाकार पत्नी डोरोथी केलेट की याद में किया था. डोरोथी का इंग्लैंड जाते समय जहाज पर सेप्टिसीमिया से निधन हो गया था. डोरोथी अक्सर इस स्थान पर बैठ कर पेंटिंग बनाया करती थीं. उन्हें ये जगह बेहद पसंद थी.