इस वर्ष आठ फरवरी को हल्द्वानी के बनभूलपुरा में हिंसा भड़क उठी थी। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने इस मामले से जुड़े 50 आरोपियों को जमानत दी है।
50 accused related to Haldwani violence got bail
बताया गया है कि इन आरोपियों में छह महिलाएं भी शामिल हैं। आपको बता दें कि इससे पहले अदालत में शनिवार को इस मामले में सुनवाई हुई थी। वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। खंडपीठ ने आज इसपर अपना निर्णय दिया।
जमीयत उलेमा-ए-हिन्द की तरफ से कोशिशें जारी
जमीयत उलेमा-ए-हिन्द की हल्द्वानी इकाई इस मामले को लेकर शुरुआत से ही कोशिशों में जुटी हुई थी। उत्तराखंड उच्च न्यायालय में सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ वकील नित्या रामा कृष्णन के नेतृत्व में आरोपियों की जमानत की पैरवी की गई थी। इसके बाद अदालत ने मामले से जुड़े 50 आरोपियों को जमानत दे दी। बताया गया है कि अभी बाकी बचे आरोपियों की जमानत के लिए भी कोशिशें जारी हैं।
हल्द्वानी के बनभूलपुरा में क्या हुआ था?
अब आपको बताते हैं कि इस वर्ष आठ फरवरी को हल्द्वानी के बनभूलपुरा में क्या हुआ था। आठ फरवरी को हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में प्रशासन और पुलिस की टीम द्वारा अतिक्रमण हटाया जा रहा था। इस बीच टीम पर पथराव किया गया था। शाम चार बजे हिंसा शुरू हुई और देखते ही देखते पूरे इलाके में आग की तरह फैल गई थी। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस और मीडिया कर्मियों के वाहनों को आग के हवाले कर दिया था। घटना में कई लोग मारे गए थे। इसके अलावा 100 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए थे। इसके बाद स्थिति की गंभीरता देखते हुए इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया था। दंगा भड़काने के आरोप अब्दुल मालिक और उसकी पत्नी साफिया मलिक लंबे समय तक फरार रहे। बाद में अब्दुल मलिक और उनके बेटे को गिरफ्तार किया गया।